मणिभद्र (माणा) में आयोजित जेठ पुजै में सम्मिलित हुए- प्रत्यक्चैतन्यमुकुन्दानन्द गिरि 

जो समाज परम्परा का पालन करता है, वो विपरीत परिस्थिति में भी समाप्त नही होता – प्रत्यक्चैतन्यमुकुन्दानन्द गिरि

बदरीनाथ/ सोमवार। देश के प्रथम ग्राम मणिभद्र (माणा) में आयोजित त्रिदिवसीय जेठ पुजै में सोमवार को शङ्कराचार्य स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानंदः सरस्वती ‘१००८’ जी महाराज के शिष्य स्वामी प्रत्यक्चैतन्यमुकुन्दानन्द गिरि अतिथि के रूप में गांव पहुँचें , सबसे पहले श्री घण्टाकर्ण जी महाराज के दर्शन किया ।

कार्यक्रम में उपस्थित होकर सबको सम्बोधित करते हुए कहा कि जो परिवार, जो समाज अपने से ज्येष्ठ (जेठ पुजै) अपने देवता की पूजा करता है वो समाज सदा बना रहता है इसलिए आज 21वीं सदी में जब आधुनिक विचार घर घर में प्रवेश कर रहा ऐसे विपरीत समय में हमारे हिमालय में स्थान स्थान पर परम्परा परिपालन करते लोग दिखाई देते हैं , आज अपने गांव माणा में आकर अपनो से मिलकर हमें प्रसन्नता है । जबतक परम्परा है तब तक हमारा अस्तित्व है इसलिए इसका संरक्षण हम सबका दायित्व है ।साथ ही जगद्गुरुकुलम् के छात्रों ने भी अपनी प्रस्तुति दी।

इस अवसर पर शंकर स्वरूप ब्रह्मचारी , आयोजन समिति के अध्यक्ष दिनेश रावत  , ग्राम प्रधान  पीताम्बर सिंह मोल्फा , कुन्दन सिंह टिकोला , डिमरी पंचायत के उपाध्यक्ष भास्कर डिमरी ,  नवनीत भण्डारी , सुनील पुरोहित , आचार्य अमित तिवारी , संजय सती आदि उपस्थित रहे ।

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