अनुशासन, अनुसंधान और बड़ों के अनुगमन से फलती फूलती है उद्यमशीलता – मोहन प्रसाद जोशी

ज्योतिर्मठ। राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय जोशीमठ में ‘देवभूमि उद्यमिता योजना’ के अंतर्गत चल रही बारह दिवसीय उद्यमिता कार्यशाला में आज खंड विकास अधिकारी ज्योतिर्मठ श्री मोहन प्रसाद जोशी ने बतौर मुख्य अतिथि अपना व्याख्यान दिया और स्थानीय स्तर पर उपलब्ध स्वरोजगार के अवसरों पर एक अधिकारी के रूप में व्यक्तिगत अनुभव के आधार पर प्रकाश डालकर युवाओं को प्रेरित किया ।

युवा प्रशिक्षुओं को संबोधित करते हुए श्री जोशी ने कहा कि वर्तमान समय स्वस्थ प्रतिद्वंदिता का समय है और प्रगति की इस दौड़ में उद्यमशीलता भी एक युद्ध है जो बड़े सपनों, कुशल रणनीति, जोखिम लेने की क्षमता और अपने से बड़ों के प्रति आदरभाव और अनुपालन की भावना से जीता जाता है। श्री जोशी ने कहा कि अब समय आ गया है कि पहाड़ के युवाओं को नौकरी की मानसिकता से ऊपर उठकत उद्यमी बनने की सोच अपनानी चाहिए। कार्यशाला में मुख्य रिसोर्स पर्सन के रूप में बोलते हुए सामाजिक कार्यकर्ता और युवा उद्यमी श्री पुष्कर सिंह राणा ने प्रशिक्षुओं को हिमालयी भोजपत्र पर हस्त लेखन कला , कैलीग्राफी, के द्वारा स्वरोजगार करने की महत्वपूर्ण जानकारी दी ।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की माणा यात्रा के दौरान उद्यमशीलता को लेकर प्रदर्शित उनकी दूरदर्शी सोच ने उन्हें प्रेरित किया है। महाविद्यालय की प्राचार्य प्रोफेसर प्रीति कुमारी ने अतिथियों का स्वागत करते हुए युवा छात्र छात्राओं को स्थानीय स्तर पर उपलब्ध रोजगार और उद्यम के अवसरों का लाभ उठाने की अपील की । उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में उच्च शिक्षा में अध्यन्नरत युवा उद्यममशीलता के क्षेत्र में भविष्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। डॉ. चरणसिंह केदारखंडी के संचालन में सम्पन्न इस कार्यक्रम में देवभूमि उद्यमिता योजना के नोडल अधिकारी डॉ. नंदन सिंह रावत, डॉ. जी. के. सेमवाल, डॉ. रणजीत सिंह मर्तोलिया, डॉ. पवन कुमार, डॉ. शैलेन्द्र सिंह रावत, डॉ. राजेंद्र सिंह राणा, डॉ. नवीन कोहली, डॉ. राहुल तिवारी, डॉ. किशोरी लाल आदि प्राध्यापक उपस्थित रहे।

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