ज्योतिर्मठ। 24 अगस्त : राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय ज्योतिर्मठ के वनस्पति विज्ञान विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. उपेंद्र सिंह राणा इन दोनों उत्तराखंड के विभिन्न महाविद्यालयों के अन्य शिक्षकों के साथ भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलुरु में शोध और अनुसंधान की बारीकियों सीख रहे हैं। उच्च शिक्षा विभाग, उत्तराखंड सरकार की ओर से प्रायोजित इस कार्यक्रम के अंतर्गत विज्ञान वर्ग के शिक्षकों के लिए पंद्रह दिवसीय विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया है।
प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य शिक्षकों को आधुनिक तकनीकी, नवीनतम अनुसंधान और शोध पद्धतियों से अवगत कराना है। जो कि उच्च शिक्षा में शिक्षण में गुणवत्ता सुधार की दशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
प्रशिक्षण के अंतर्गत देश के प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों ने विभिन्न विषयों पर व्याख्यानों का लाभ शिक्षकों को मिल रहा है । अभी तक प्रो. दीपक सैनी ने दीर्घायु, सेल्यूलर कम्युनिकेशन जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर अपने शोध अनुभव के आधार पर सैद्धांतिक व्याख्यान , प्रो. रामरे भट्ट ने श्वसन तंत्र तथा पाचन तंत्र की आंतरिक संरचना पर और प्रो. उपेन्द्र नोंगथोंबा ने आयुर्वेद और आधुनिक विज्ञान को जोड़कर अपने शोध अनुभव को साझा कर शोध करने के लिए प्रेरित किया है। संस्थान के डॉ. राघवेंद्र ने रिकॉबिनेंट टेक्नोलॉजी पर रोचक व्याख्यान दिया।
सभी वैज्ञानिकों से डॉ० उपेन्द्र सिंह ने संवाद कर अपने प्रश्नों के समाधान प्राप्त किए और भविष्य में होने वाली शोध की संभावनाओं पर सकारात्मक विचार विमर्श किया। डॉ. राणा ने बताया कि व्याख्यानों के साथ-साथ शिक्षकों को आधुनिकतम प्रयोगशाला में प्रत्यक्ष अनुभव भी प्रदान किया जा रहा है । उन्होंने कहा कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम ने विज्ञान वर्ग के शिक्षकों को न केवल विषयगत गहन समझ प्रदान की, बल्कि उनके प्रयोगात्मक कौशल और शोध दृष्टि को भी गहन किया है। महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डॉ. चरणसिंह केदारखंडी, वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. जी. के. सेमवाल सहित सभी प्राध्यापकों और कर्मचारियों के द्वारा डॉ. उपेंद्र सिंह की इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर हर्ष प्रकट किया गया है और आशा की गई है कि देश में विज्ञान और अनुसंधान के लिए प्रसिद्ध भारतीय विज्ञान संस्थान के इस भ्रमण के लाभ ज्योतिर्मठ के छात्र-छात्राओं को प्राप्त होगा।