चमोली।उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में विदोहन होने वाली जड़ी बूटियां की रॉयल्टी बढ़ाकर सरकार द्वारा 40% कर दी गई है ।जिससे पर्वतीय क्षेत्र के लोगों का रोजगार प्रभावित हो गया सरकार के इस फैसले से पर्वतीय क्षेत्रों में रहने वाले स्थानीय लोगों में भारी नाराजगी है। पर्वतीय क्षेत्र की स्थानीय लोगों की पीड़ा को समझते हुए गुरुवार को भाजपा के प्रदेश कार्य समिति एवं उत्तराखंड भवन एवं अन्य संन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड उत्तराखंड के सदस्य कृष्णमणि थपलियाल गुरुवार को एक बार फिर से उत्तराखंड के वन मंत्री सुबोध उनियाल एवं उत्तराखंड वन विभाग के प्रमुख वन संरक्षक (HOFF) डॉ धनंजय मोहन से भेंट कर जड़ी बूटी(झूलाघास) पर बढ़ाई गई रॉयल्टी को कम करने को लेकर मुलाकात कर सीमांत क्षेत्र के गरीब काश्तकारों को हो रही समस्या के बारे में अवगत कराते हुए ज्ञापन दिया।
कहा कि पार्वतीय क्षेत्र में रहने वाले स्थानीय लोगों का मुख्य रोजगार झूला घास एवं जड़ी बूटियों का विदोहन एवं विपणन है जिससे पर्वतीय लोगों का रोजगार चलता है लेकिन सरकार द्वारा रॉयल्टी बढ़ाने से उनका रोजगार प्रभावित हो गया है। जिससे अब सीमांतवर्ती गांवों के लोग भी अन्य रोजगार की तलाश में पलायन का मन बना रहे हैं।
वन मंत्री ने सीमांत गरीब काश्तकारों को आ रही समस्या को गंभीरता से लेते हुए, प्रमुख वन संरक्षक को तत्काल समाधान निकालने हेतु निर्देशित किया! उत्तराखंड वन विभाग के प्रमुख वन संरक्षक (HOFF) द्वारा 15 दिन के अंदर इस विषय पर सकारात्मक फैसला लेने का आश्वासन दिया गया!