ज्योतिर्मठ। विश्व तंबाकू निषेध दिवस के अवसर पर राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय जोशीमठ के असिस्टेंट प्रोफेसर और एन्टी ड्रग प्रकोष्ठ के नोडल अधिकारी डॉ. चरणसिंह केदारखडी ने श्री बद्रीनाथ वेद वेदाङ्ग संस्कृत महाविद्यालय के सभागार में “जानलेवा है तम्बाकू का सेवन” विषय पर एक व्याख्यान दिया। डॉ. केदारखडी ने कहा अधिकांश व्यसनों में लोगों को उनके दुष्प्रभाव की जानकारी नहीं होती है और इस तरह जागरूकता अभियान के माध्यम से और पीड़ित की संकल्प शक्ति के बूते प्रत्येक व्यसन से मुक्ति पाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि अकेले भारत में प्रतिवर्ष तम्बाक सेवन से उत्पन्न स्वांस, हृदयरोग और कैंसर आदि बीमारियों के कारण 13.5 लाख से अधिक लोग अकाल मृत्यु का शिकार होते हैं।
युवाओं में नशे और गुटखा, तम्बाकू के सेवन की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है जो सीधे तौर पर असमय रोग के लिए निमंत्रण है क्योंकि ये व्यसन मानव शरीर में स्वसन तंत्र, हृदय रोग, पाचन तंत्र, प्रजनन तंत्र के साथ साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी प्रभावित करते हैं । तम्बाकू निर्माता कंपनियां करोड़ों रुपए के विज्ञापन देकर युवाओं के पसंदीदा फ़िल्म और खेल नायकों को प्रचार में लगाते हैं और इस तरह युवा सहज रूप से तंबाकू और गुटखा सेवन के आदी हो जाते हैं। इस अवसर पर वेद वेदाङ्ग संस्कृत विद्यालय के प्राचार्य अरविंद प्रकाश पंत, आचार्य वाणी विलास डिमरी, संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य द्रवेश्वर थपलियाल, गौर सिंह खत्री, श्रीमती कपरुवाण, श्रीमती रेखा साह, आचार्य प्रदीप पुरोहित, आचार्य देवी प्रसाद भट्ट सहित महाविद्यालय के छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।