भगत सिंह राणा ‘हिमाद’ द्वारा रचित दो काव्य पुस्तिकाओं ‘हिम निर्झरिणी’ व ‘वासन्ती हिमालय’ का एक भव्य समारोह में आज हुवा विमोचन

जोशीमठ। शुक्रवार को सीमांतवर्ती क्षेत्र के भंग्यूल  निवासी भगत सिंह राणा ‘हिमाद’ द्वारा  दो काव्य पुस्तिकाओं ‘हिम निर्झरिणी’ व ‘वासन्ती हिमालय’ का विमोचन सरस्वती शिशु मंदिर के प्रार्थना सभागार में आयोजित एक भव्य समारोह में हुवा।


विमोचन कार्यक्रम के मुख्य अथिति पूर्व धर्माधिकारी बद्रीनाथ श्री भुवन चन्द्र उनियाल , विशिष्ठ अथिति आचार्य  कृष्णा नन्द नौटियाल ,तीलू रौतेली पुरुष्कार से सम्मानित  शशि देवली, संस्कृत महाविद्यालय के प्रधानाचार्य अरविंद पंत, प्रो कुलदीप नेगी , पुस्तक समीक्षक के रूप में डॉ चरण सिंह राणा ‘केदारखण्डी’ , नन्दन राणा ‘नवल’ , रचनाकार के परिचय रवि थपलियाल ‘पैनखण्डी’  व कार्यकम अध्यक्ष लखनऊ से प्रसिद्ध कवि अमरनाथ जी सहित सेकड़ो गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।

कार्यक्रम की शुरुआत संस्कृत महाविद्यालय के छात्रों द्वारा स्वस्ति वाचन ,दीप प्रज्वलन एवं भँग्युल गांव से आई मातृ शक्ति द्वारा मांगल गीत के साथ शुभारम्भ हुआ। कार्यक्रम में दूर दूर से आये कवि व कवयित्रियों ने काव्यपाठ कर कार्यक्रम को और भी रोचक व शानदार बना दिया। कवयित्री संगीता बहुगुणाजी, रोशनी पोखरियालजी, अंशीकमल , आशा पंवार , विनीता मैठाणी , नन्दन राणा नवल एवं दीपक सती ‘प्रसाद’  सहित कई नवोदित रचनाकारों ने काव्य पाठ किया।

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